हमारी गली होते जाना, ओ प्यारे नंदलाला,
मोर मुकुट पीतांबर सोहे,
गले में मोहनमाला, हमारी गली …..
हाथ लकुटिया अधर बँसुरिया,
ओढ़े कंबल काला, हमारी गली….
श्याम रंग और नैन रसीले,
गउओं का रखवाला, हमारी गली….
चुरा-चुरा कर माखन खाए,
झगड़ रहीं ब्रजबाला, हमारी गली….
वृन्दावन की कुंज गलिन में,
नित-नित डाका डाला, हमारी गली….
कालिय दह में कूद के मोहन,
नाग नाथ दिया काला, हमारी गली…..
फन के ऊपर नाच बजाई,
बंसी की धुन आला, हमारी गली……
चीर चुरा कर चढ़े कदम पर,
खेला खेल निराला, हमारी गली…..
चंद्रसखी भज कृष्ण-कन्हैया,
राधा का मतवाला, हमारी गली…..
Going to our street, O dear Nandlala,
Peacock Mukut Pitambar Sohe,
Mohanmala in the neck, our street…..
Hand Lakutia Adhar Bansuria,
Covered blanket black, our street….
Black color and Nain juicy,
The keeper of the cows, our street….
Stealingly eat butter,
Brajbala is fighting, our street….
In Vrindavan’s Kunj Gallin,
Always robbed, our street….
Mohan jumped into Kaliyah,
Nag nath diya black, our street…..
danced over the funnel,
The tune of bansi came, our street……
On the rag stole step,
Played the game wacky, Our street…..
Chandrasakhi Bhaj Krishna-Kanhaiya,
Radha’s drunk, our street…..