मुरली वाले कृष्ण कन्हिया जी ना लगे,
संवारे जल्दी आना के जी ना लगे ,
छोड़ो अब तरसना की अब जी ना लगे,
संवारे जल्दी आना के जी ना लगे ,
सुनले बेदरदी अब रहने दे हमें दर्दी,
चला आ रे वन वन फिरू मैं तेरी खातिर जी ना लगे,
संवारे जल्दी आना के जी ना लगे ,
तूने बंसी मधुर बजाई,
सखियों संग रास रचाई चला आ रे,
अब तो दरस दिखा दे मोहन जी ना लगे,
संवारे जल्दी आना के जी ना लगे …..
Krishna Kanhiya ji with the murli did not engage,
Don’t feel like coming soon for the grooming,
Leave now the longing that you do not live now,
Don’t feel like coming soon for the grooming,
Listen, let us be in pain now,
Chala aa re one forest firu, I should not live for your sake,
Don’t feel like coming soon for the grooming,
You played the flute sweetly,
Let’s go with friends,
Now show me the rate, Mohan ji does not get engaged,
Don’t feel like coming soon for the grooming…..