श्याम तेरी रेहमत के सहारे चलता है घर बार मेरा,
तेरे कारण पल पल हस्ता सांवरियां परिवार मेरा,
अब ना बचा कुछ मांगने को तुमने मुझे बे हिसाब दिया,
कैसे कहु सांवरियां तूने मेरे लिए क्या क्या ना किया,
इतना दिया मुझे जितना नही था सांवरिया अधिकार मेरा,
श्याम तेरी रेहमत के सहारे…..
मात पिता के जैसे पला हर विपदा तूने ताली है,
हर जहाँ की खुशिया तूने कदमो में मेरे डाली है,
दिन ही बदल गए हाथ जो पकड़ा तूने जो दिन दार मेरा,
श्याम तेरी रेहमत के सहारे….
जो चहु वो मिलता मुझको ना लगता कोई सपना सा,
सुख की बारिश ऐसी करदी सब कुछ लगता अपना सा,
यु जीते जी ना भूली सांवरिया उपकार तेरा,
श्याम तेरी रेहमत के सहारे
Shyam walks with the help of your rehmat at my home,
Because of you, my family has every moment.
Now you have given me an unaccounted for asking for nothing left,
How to say Saawariya what have you not done for me,
Gave me so much that I didn’t have Saawariya right,
Shyam with the help of your rehmat…..
You grew up like a mother and father, every calamity you clapped,
Everywhere you have put happiness in my feet,
Days have changed, the day you caught my hand,
Shyam with the help of your rehmat….
I get what I want, I don’t feel like a dream,
The rain of happiness made everything feel like its own,
You won’t forget your Saawariya Upkar,
Shyam with the help of your rehmat