हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम,
अपने मंदिर में वो कितना तनहा होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम
उसकी पीड़ा वो ही जाने हम सब मौज में दुबे,
सोचा कभी ये हमने तुमने कितना अकेला श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम,
दिन चुबता होगा उसे दिल में राते खटकती होंगी,
हिचकी आई तो मैं समजा रोटा होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम,
क्या होगी उस बाप की हालत जिसक के बच्चे दूर,
सब कुछ होते हुए भी बेबस दीखता होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम
हम निचिंत हुए घर आकर बहा पे दड़क क्या होगा,
जिसकी नींद उडी हो तारे गिनता होगा श्याम,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम
We have come back and how will there be in the houses, Shyam,
How lonely will he be in his temple, Shyam,
We have come back, how will Shyam be there in the houses?
Knowing his pain, we all are immersed in fun,
Ever wondered how lonely you are Shyam,
We have come back and how will there be in the houses, Shyam,
The day would be kissing him, the night would be knocking in his heart,
If the hiccups come, I will understand that Shyam,
We have come back and how will there be in the houses, Shyam,
What will be the condition of the father whose children are far away?
Despite everything, Shyam would have looked helpless.
We have come back, how will Shyam be there in the houses?
When we come home worried, what will happen when we come home?
Shyam would count the stars who have fallen asleep,
We have come back, how will Shyam be there in the houses?