मेरे कान्हा जो आये पलट के,
आज होली मैं खेलूंगी डट के,
अपने तन पे गुलाल लगा गे,
उनके पीछे मैं छुपके से जाके,
रंग दूंगी उन्हें मैं लिपट के,
आज होली मैं खेलूंगी डट के,
की उन्हों अगर जोरा-जोरी,
जोरा-जोरी,जोरा-जोरी,
छिन्नी पिचकारी बाइयाँ मरोरी,
गरियाँ मैंने रखी है रट के,
आज होली मैं खेलूंगी डट के,
Whoever came back to my ears,
Today i will play holi
Put gulal on your body,
I hide behind them,
I will paint them, I will wrap them,
Today i will play holi
that if they loudly,
loudly, loudly, loudly,
Chirni Pitchkari Bai Marori,
I have kept the girls by rote,
Today i will play holi