उठो हे पवनपुत्र हनुमान सागर पार जाना है,
सागर पार जाना है सागर पार जाना है
बनी श्री राम पे विपदा भारी,
लंकपति हर लई जनक दुलारी,
तुम वीरो में वीर बलकारी,
साबित कर दिखलाना है,
उठो हे पवनपुत्र हनुमान सागर पार जाना है…..
तुम सा कौन भला बलशाली है महावीर है धरापर,
भरो अगर हुंकार तो रख दो तीनों लोक हिलाकर,
लांघ जाओगे इस सिंधु को एक छलांग लगाकर,
किए जो बचपन में वो करतब कर दिखलाना है,
उठो हे पवन पुत्र हनुमान…..
वो नर दंड का भागी जो नारी का करे अनाधर,
घोर अपराध किया रावण ने कपट से सिया हरण कर,
गढ़ लंका में मात सिया को रखा कहाँ छुपाकर,
खोज खबर ले पूरी जल्दी लौट के आना है,
उठो हे पवन पुत्र हनुमान…..
उठो उठो बजरंग उठो रघुपति को धीर बंधाओ,
हर्षित हो प्रभु राम काम कुछ ऐसा कर दिखलाओ,
बल बुद्धि के स्वामी तुम हो काल से भी टकराओ,
मर्यादा का ‘सरल’ तुम्ही ने ध्वज फहराना है,
उठो हे पवन पुत्र हनुमान……..स्वरलखबीर सिंह लक्खा
Arise, O Pawan Putra Hanuman has to cross the ocean,
To cross the ocean To cross the ocean
The calamity became heavy on Shri Ram,
Lankapati Har Lai Janak Dulari,
You are the heroic force in the heroic,
have to prove,
Arise, O Pawanputra Hanuman has to cross the ocean…..
Who is good and powerful of you, Mahavir is Dharapar,
If there is a shout, then keep it by shaking the three worlds,
You will cross this Indus by taking a jump,
I have to show that feat in my childhood.
Arise, O Pawan son Hanuman…..
He is the part of the male punishment who does disrespect to the woman,
Ravana committed a heinous crime by fraudulently abducting Siya,
Where was Mat Siya kept hidden in Garh Lanka?
Have to come back soon to get the search news,
Arise, O Pawan son Hanuman…..
Arise, get up Bajrang, be patient to Raghupati,
Be happy, show Lord Ram doing something like this,
You are the master of the intellect;
You have to hoist the ‘simple’ flag of dignity,
Arise O Pawan son Hanuman……..Swarlakhbir Singh Lakha