दर्श पिया से खड़े दुआरे मेरे हो श्री राम तुम्ही हो सहारे,
सोने नैन प्रभु मन निर्जन है,
हमको तो बस प्रभु तुम्हारी लगन है,
तुम्ही हो नाथ प्रभु हमारे,
दर्श पिया से…….
पड़ते चरण नहीं हमरी कुटर में,
सबरी के सम ही तो आतुर हम है,
केवट ने भी चरण पखारे,
दर्श पिया से…….
हल में हो तुम प्रभु तुम हो गगन में,
कण कण में हो तुम बस मन में,
तुम को कल मन आज पुकारे,
दर्श पिया से…….
Shri Ram, you are my support,
Sone Nain Lord mind is uninhabited,
We only have your passion, Lord.
You are our Lord Nath,
From Darsh Piya……
The feet do not fall in our cottage,
We are as eager as Sabari,
Kevat also washed his feet,
From Darsh Piya……
You are in the solution, you are the Lord in the sky,
You are in every particle, you are just in your mind,
call you tomorrow in mind today,
From Darsh Piya……