श्याम प्रभु ने भुलाया है खाटू हम जाएगे,
खाटू की मिटटी को माथे से लगाये गे,
श्याम प्रभु ने भुलाया है…….
इस दुनिया में रह कर खोना ही खोना है,
खाटू की मिटटी तो सोना ही सोना है,
उस मिटटी से अपना हम भाग्य जगायेगे,
श्याम प्रभु ने भुलाया है…….
क्या सोच रहा पगले चल खाटू चलते है,
तकदीर के मारो के जहा भाग्य संभालते है,
जो हार चुके सबसे वो जीत को पाएंगे,
श्याम प्रभु ने भुलाया है…….
चली टोली दीवानो की हाथो में निशान लिए,
सोमये गुणगान करे दिल में अरमान लिए,
चल लेहरी संग भगतो हम भजन सुनाये गे,
श्याम प्रभु ने भुलाया है…….
Shyam Prabhu has forgotten Khatu we will go,
Apply Khatu’s soil to the forehead,
Shyam Prabhu has forgotten……
To lose is to live in this world,
Soil of Khatu is gold only.
From that soil we will awaken our destiny,
Shyam Prabhu has forgotten……
What are you thinking, let’s go to Khatu,
Where destiny takes care of you,
Those who have lost the most will find victory,
Shyam Prabhu has forgotten……
The group walked with a mark in the hands of the lovers,
Let’s sing praises with a desire in heart,
Let’s go with Lehri, we will recite bhajans,
Shyam Prabhu has forgotten……