साँवरा दयालु है प्रेम को निभाता है,
कभी कोई मुश्किल पड़े बाबा दोहरा आता है,
जब भी मैं हारा इसने संभाला दुःख के दिनों से इसने निकला,
हारे का साथी बन जाता है,
साँवरा दयालु है प्रेम को निभाता है,
ऐसा जुड़ा है रिश्ता हमारा मुझको सदा ही देता सहारा,
प्रेमी को बाबा अपनाता है,
साँवरा दयालु है प्रेम को निभाता है
लीले पे चढ़ के ये जब जब आये मन में मेरे हलचल मचाये,
दिल ये दीवाना हो जाता है,
साँवरा दयालु है प्रेम को निभाता है
जब दोल ती है जीवन की नैया पतवार थामे बनके खिवैया,
मजी सुरयश का बन जाता है,
साँवरा दयालु है प्रेम को निभाता है
Sawara is kind, plays love,
Sometimes when there is some difficulty, Baba comes twice,
Whenever I lost it took care of it, it came out of the days of sorrow,
becomes the companion of the loser,
Sawara is kind, plays love,
Such is the relationship, our relationship always gives me support,
Baba adopts the lover,
Saavra is kind, plays love
When he climbed on the leelas, whenever he came, created a stir in my mind,
The heart becomes crazy about it,
Saavra is kind, plays love
When the boat of life swings, holding the helm,
Magic becomes of Suryash,
Saavra is kind, plays love