जप ले हरी का नाम, मेरे मन,
काहे भूलो हरी का धाम ।
काम ना आएगी झूठी माया,
ना तेरा मंदिर, ना तेरी काया।
आएगी तेरे जीवन की श्याम ॥
कठिन डगरिया तू चलना ना जाने,
बात पते की काहे ना माने।
जप ले कन्हिया तू चाहे घनश्याम ॥
माटी के पुतले उस के खिलौने,
बैठ जहाँ में तू ना रो रोने।
साथ ना जाए कहीं सस्ते दाम ॥
तन में बसले, मन में बसले,
तेरा प्रीतम उसको पाले।
बोल प्यारे संग जय श्री राम ॥
Chant the name of Hari, my mind,
Why forget the abode of green?
False Maya will not work,
Neither your temple nor your body.
Shyam of your life will come.
Tough road, you don’t know how to walk,
Don’t listen to the address.
Chant Kanhiya you want Ghanshyam.
The effigies of the soil are his toys,
Sit where you don’t cry and cry.
Do not go somewhere cheap price
Settled in the body, settled in the mind,
Your love takes care of him.
Bol Pyare Sang Jai Shri Ram