हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है।
सोने की होती जो, ना जाने क्या करती,
जब बांस की होकर यह दुनिया को नचाती है।
तुम गोरे होते जो, ना जाने क्या करते,
जब काले रंग पे यह दुनिया मर जाती है।
कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की मन में आ जाती है।
जय गोविंदा जय गोपाला,
मुरली मनोहर मुरली वाला।
O Shyam, your bansi drives me crazy,
Smile hurts your sweetness.
Who would have been of gold, did not know what to do,
When it is made of bamboo, it makes the world dance.
You were white, who do not know what to do,
When this world dies on black color.
Sometimes you sing, sometimes you play the flute,
Sometimes it comes to my mind to eat butter.
Jay Govinda Jay Gopala,
Murli Manohar Murli Wala.