साई तेरे कर्म की बरसात हो रही

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साई तेरे कर्म की बरसात हो रही,
बाबा तेरे कर्म की बरसात हो रही,
रेहमत सवालिया पे दिन रात हो रही है,

तेरे रेहम के छींटे हर और लग रहे है,
सदियों से सोये ये जो वो नसीब जग रहे है,
कुटियाँ गरीब की भी आबाद हो रही है,
साई तेरे कर्म की बरसात हो रही,

जब से सुने है हमने तेरे वचन ओ बाबा,
शिरडी सा हो गया है पावन ओ मन बाबा,
पापो से आत्मा ये आजाद हो रही है,
साई तेरे कर्म की बरसात हो रही,

भक्तो से मिलने मोहन तुम बनने के आये साईं,
तुम में झलक है शिव की शवि राम की समाई,
घर घर में आज कल ये बस बात हो रही है,
साई तेरे कर्म की बरसात हो रही,

Sai your karma is raining,
Baba your karma is raining,
Rehmat question is getting day and night,
The sprinkling of your rehm is being felt everywhere,
Those luck who slept for centuries are awake,
The huts are also being populated by the poor,
Sai your karma is raining,
Ever since we have heard your words, O Baba,
Shirdi has become like holy man, Baba,
This soul is getting free from sins,
Sai your karma is raining,
Sai came to meet the devotees, to become you Mohan.
You have glimpses of Shiva’s shiva Ram’s captivity,
This is the only thing that is happening in every house these days.
Sai your karma is raining,

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