जबसे देखा तुमहे जाने क्या हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया,
तू दाता है तेरा पुजारी हु मैं,
तेरे दर का बाबा भिखारी हु मैं,
तेरी चौकठ पे दिल मेरा खो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया,
जबसे मुझको श्याम भक्ति मिली,
मेरे मुरझाये मन में ये कलियाँ खिली,
जो न सोचा कभी हां वही हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया,
तेरे दरबार की वो अज़ाब शान है,
जो भी देखे वही तुझपे कुर्बान है,
तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया,
शर्मा जब तेरी जानकी का दर्शन किया,
तेरे चरणों में तन मन ये अर्पण किया,
एक दफा खाटू नगरी में जो भी गया,
ऐ खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया,
Ever since you saw what happened to you,
O Khatu Wale Shyam I have become yours,
You are the giver, I am your priest.
I am a beggar, my father.
My heart is lost on your square,
O Khatu Wale Shyam I have become yours,
Ever since I got Shyam Bhakti,
These buds blossomed in my withered mind,
The one who never thought yes ever happened,
O Khatu Wale Shyam I have become yours,
That punishment of your court is the pride,
Whatever you see is your sacrifice.
I got intoxicated by your devotion,
O Khatu Wale Shyam I have become yours,
When Sharma saw Teri Janki,
I have offered this body and mind at your feet,
Whoever once went to Khatu city,
O Khatu Wale Shyam I have become yours,