दर्श तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नही है,
सुना कलिकाल में तो बनोगे तुम सहारा,
करोगे रक्षा उसकी तुम्हे जिसने पुकारा,
सजा अब दे तो कैसे समज आती नही है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नही है,
दर्श तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
समज पावो तो समजो दुखी दर्दी की बाते हुआ है चाख सीना,
लगी घातों पे घाते दिखाए तुमको कैसे नजर आती नही है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नही है,
दर्श तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
मेरी नादानियो को कन्हिया माफ़ करना,
मैं नैया तू खावियाँ सोच इंसाफ करना,
सताए हमको एसे लाज आती नही है,
बताये कैसे तुझको जुबा खुलती नही है.
दर्श तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
टपकते आंसू से सुनो मेरी कहानी,
उबहारो श्याम मेरे कौन तुम सा है दानी,
नंदू पीड़ा हिरदय से सही जाती नही है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नही है,
दर्श तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
If you get the vision, you have got some courage,
Tell me how you do not open your mouth,
Heard in Kalikal, then you will become the support,
You will protect the one who called you,
If you give punishment now, I don’t understand how
Tell me how you do not open your mouth,
If you get the vision, you have got some courage,
If you understand, then you understand that there has been talk of sad pain,
How do you not see, show the losses on the powers that be,
Tell me how you do not open your mouth,
If you get the vision, you have got some courage,
Kanhiya forgive my naughty ones,
I want to do justice to you,
We do not feel ashamed of being persecuted.
Tell me how you do not open your mouth.
If you get the vision, you have got some courage,
Listen to my story with dripping tears,
Get out Shyam, who are you, Dani,
Nandu’s pain does not go right from the heart,
Tell me how you do not open your mouth,
If you get the vision, you have got some courage,