शिरडी वाले साई राम बैठे है मेरे सीने में,
देखलो मेरे दिल के नगीने में,
शिरडी वाले साई राम बैठे है मेरे सीने में,
मुझे कीर्ति न भावव न यश चाहिए,
साई के नाम का मुझे रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमिरत को पिने से,
शिरडी वाले साई राम बैठे है मेरे सीने में,
साई रसिया हु मैं साई सुमिरन करू,
मैं साई नाम का सदा चिंतन करू,
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में,
शिरडी वाले साई राम बैठे है मेरे सीने में,
मेरे सब कुछ साई तेरे चरणों तले,
यही चाहु सदा तेरी सेवा मिले,
तीनो लोको का सुख तेरे चरणों में,
शिरडी वाले साई राम बैठे है मेरे सीने में,
Shirdi’s Sai Ram is sitting in my chest,
Look in the jewel of my heart,
Shirdi’s Sai Ram is sitting in my chest,
I want neither fame nor fame,
I want the juice of Sai’s name,
You get happiness by drinking such an amirite,
Shirdi’s Sai Ram is sitting in my chest,
Sai Rasiya Ho I Sai Sumiran Karo,
I will always meditate on the name of Sai.
There is true joy in living like this,
Shirdi’s Sai Ram is sitting in my chest,
My everything sai under your feet,
I wish that you always get your service,
The happiness of the three worlds is at your feet,
Shirdi’s Sai Ram is sitting in my chest,