कोई चौकठ पे सिर को झुकाये,
कोई गाये भजन साई बाबा,
वो है सच्चे भक्त जो तुम्हरे चूमते है चरण साई बाबा,
सारी दुनिया से मायूस हो कर आये थे दर पे जो भीख लेने,
है तुम्हारी महोबत में वो भी आज कितने मगन साई बाबा,
कोई चौकठ पे सिर को झुकाये…….
तुमपे बलहार है चाँद तार पाओ आये यहाँ जो तुम्हारे,
बस उसी दिन से शिरडी की धरती बन गई है गगन साई बाबा,
कोई चौकठ पे सिर को झुकाये…..
बात मज़बूरी की आज रख लो मेरी विनती की तुम लाज रख लो,
कह रहा है रो रो के तुमसे एक दुखिया का मन साई बाबा,
कोई चौकठ पे सिर को झुकाये…..
मिल गया है जिहने भी सहारा बो न छोड़ेगे दामन तुम्हारा,
अपने सारे ही भक्तो ने तुमने दी है ऐसी लगन साई बाबा,
कोई चौकठ पे सिर को झुकाये,
कोई करता है रो रो के विनती लाज रखना तुम इन आंसुओं की.
आँसियो के ये मोती नहीं है प्यार के रतन है साई बाबा,
कोई चौकठ पे सिर को झुकाये,
No one bows his head on the square,
Somebody sang Bhajan Sai Baba,
He is the true devotee who kisses you Charan Sai Baba,
Those who came in despair from all over the world to beg at the rate,
Sai Baba is so happy in your love even today.
No one should bow the head on the square.
The moon is strong on you, get the wire here which is yours,
Just from that day the land of Shirdi has become Gagan Sai Baba,
No one should bow the head on the square…..
Keep the matter of compulsion today, my request that you keep your shame,
Sai Baba is saying that the heart of a sad person is crying because of you.
No one should bow the head on the square…..
Got it, whoever will not give up on your support,
You have given such dedication to all your devotees, Sai Baba.
No one bows his head on the square,
Somebody makes you feel ashamed to cry for these tears.
It is not the pearl of tears, it is the rattan of love, Sai Baba,
No one bows his head on the square,