दीनानाथ मेरी बात छनि कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा जासी कठे मेरे से,
खाटू वाले श्याम तेरी सरन में आ गयो,
श्याम प्रभु रूप तेरो नैना में समां गयो,
बिसरावे मत बाबा हार मानी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर………
बालक हु में तेरो श्याम मुझको निभइले,
दुखड़े को मारयो मन कालजे लगयाले,
पथ दिखलादे बाबा काढ़ दे अँधेरे से,
आँखड़ली चुराकर……..
मुरली अधर पे कदम तले झूमे हे,
भक्त खड़ा तेरे चरना ने चूमे हे,
खाली हाथ बोल कया जाऊ तेरे डेरे से,
आँखड़ली चुराकर ……….
खावो होते खीर चूरमो लीले ऊपर घूमो हो,
सेवका॑ न दाता मेरा कदे नहीं भूले हो,
टाबरिया की झोली भर जावे थारे डेरे पे
आँखड़ली………
तू ही मेरा हमदम बाबा, तू ही मेरा यार है,
खाटूवाले श्याम बाबा, तू ही मेरा प्यार है,
इतना तो बत्लादे दूर जाऊ क्यों मै तेरे से,
आँखड़ली……….
Dinanath my talk is with you,
By stealing my eyes, Baba was tougher than me,
Khatu Wale Shyam has come to Teri Saran,
Shyam Prabhu Roop merged in Tero Naina,
Don’t miss out, Baba gave up on you,
By stealing the eye………
I am a child, your shyness will meet me,
Kill the pain and put your mind to it,
Dikhhlade baba kadh de dah ke dark,
By stealing my eyes…….
The murli is swinging under its feet,
The devotee standing has kissed your charna,
Say something empty-handed from your dera,
By stealing the eye………
While eating Kheer, Churmo Leele, roam upstairs,
Neither the servant nor the giver has forgotten my credit,
Tabria’s bag should be filled with Thare Dera Pe
Eyes………
You are my humdum baba, you are my friend,
Khatuwale Shyam Baba, you are my love,
Why should I go so far away from you,
Eyes…………