अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता।
जबसे मिली है दया हमको इनकी,
तो राहें बदल दी मेरी ज़िन्दगी की।
नज़ारे करम का इशारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
इन्ही के सहारे जीए जा रहे है,
नाम का अमृत पीए जा रहे हैं।
मेरा बिगड़ा जीवन संवारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
कोई नहीं था दुनिया में अपना,
कन्हिया से मिलना लगता है सपना।
कन्हिया ने हमको जो पुकारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
भवर में थी नैया, दिया है किनारा,
इन्ही की कृपा से चले है गुजारा।
कृपा भरी दृष्टि से निहारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
Had it not been for Shyam Sundar’s support,
Then there would be no one in the world for us.
Since we have got mercy from them,
So changed the way of my life.
The sight was not a sign of Karam,
So there would be no one in the world for us.
Living on these
The nectar of the name is being drunk.
My spoiled life would not have been saved,
So there would be no one in the world for us.
No one was his own in the world,
Sapna starts meeting Kanhiya.
What Kanhiya would not have called us,
So there would be no one in the world for us.
Naiya was in Bhavar, she has given the edge,
By the grace of these I have lived.
Would not have looked at the graceful eyes,
So there would be no one in the world for us