शिरडी नगर का महाराजा मेरा साई पिया महाराज,
करता कर्म है अन दाता मेरा साई पिया महाराज,
द्वीप जलाये पानी से और बिगड़े बनाये काम,
झोली सभी की भर देता है मेरा साई राम,
शिरडी नगर का महाराजा……
सबके दिलो पे आज भी साई का राज है,
बैठा है सिर पे पहने ये सोने का ताज है,
किरपा है मेरे साई की हर एक गुलाम पर,
रखता ज़माने भर में सभी की लाज है,
शिरडी नगर का महाराजा…
साई का नाम जपने से शोरत मिली मुझे,
दौलत भी मुझको मिल गई इज्जत मिली मुझे,
साई ने रखी लाज अपने गुलाम की,
जाऊ यहाँ भी साई की रेहमत मिली मुझे,
शिरडी नगर का महाराजा
तारिक हु मैं साई का और साई है मेरा,
म स निज़ामी ने अदा साई से पाई है,
शिरडी नगर का महाराजा …….
Maharaja Mera Sai Piya Maharaj of Shirdi Nagar,
My sai piya maharaj is doing karma.
The work made worse by the burning water of the island,
My Sai Ram fills everyone’s pocket,
Maharaja of Shirdi Nagar……
Sai’s rule is still there on everyone’s heart.
is sitting, wearing this gold crown on the head,
My sai has a grime on every slave,
Everyone’s shame is there throughout the world,
Maharaja of Shirdi Nagar…
By chanting the name of Sai, I got fame,
I got wealth too, I got respect,
Sai kept the shame of his slave,
Go here too I got the mercy of Sai,
Maharaja of Shirdi Nagar
Tariq I am Sai’s and Sai is mine,
MS Nizami has received from Ada Sai,
Maharaja of Shirdi Nagar…….