मैं तेरे द्वार पे आया हु हार के,
मुझसे नजरे चुराने की कोशिश न कर,
थामा दामन तेरा मेरे श्याम धनि मुझसे दामन छुड़ाने की कोशिश न कर,
मैं तेरे द्वार पे आया हूँ….
शीश आके झुका तेरे द्वार पे खाये धोखे तेरे संसार से,
तूने करुणा सुनी दरकार मेरी जानते तू येही लेके नाम तेरा,
तू मुझे आज़माने की कोशिश न कर,
मैं तेरे द्वार पे आया हूँ….
आज हिमत भी भी मेरी टूटी,
मेरी किस्मत भी मुझसे रूठी,
वरना तू मुझसे इस तरह ना रूठता,
तोडा दिल भी मेरा तेरे संसार में तू इसे यु छुपाने की कोशिश न कर,
मैं तेरे द्वार पे आया हूँ…..
भोज उठ ते नहीं अब गुन्हा के,
आके लेले तू अपनी पन्हा में,
ना सत्ता इस तरह अपनी संतान को,
क्या नहीं है पता तुझको हालत हरी,
तू बहाने बनाने की कोशिश न कर,
मैं तेरे द्वार पे आया हूँ…..
I have come to your door in defeat,
Don’t try to steal my eyes
Don’t try to get rid of me, my Shyam Dhani.
I have come to your door…
Head bowed down at your door and eat deceit from your world,
You listened to compassion and needed to know me, you took this name of yours,
Don’t you try to try me
I have come to your door…
Today even my courage is broken,
My luck also ran out of favor with me,
Otherwise you wouldn’t be angry with me like this,
Broken heart also in your world, don’t you try to hide it
I have come to your door…..
Don’t get up at the feast, now because of sin,
Come on, you are in your shelter,
No power like this to your child,
Don’t know what your condition is green,
Don’t try to make excuses
I have come to your door…..