तक़दीर लिखे से कौन लडे हम शरण में तेरी आ बैठे,
तू दीन दयालु कहलाये तुझसे उमीदे ला बैठे,
तक़दीर लिखे से…..
अपनाले या तू ठुकरा दे कोई और ठिकाना नहीं मेरा,
इस भीड़ में श्याम अकेला हु इक आस भरोसा तू मेरा,
बहते आंसू नहीं रुकते है,
तुझको ना श्याम रुला बैठे,
तक़दीर लिखे से….
देखा न कोई दानी तुझसे हारे का तू ही सहारा है,
बनते है हज़ारो तकदीरे दीनो का तुझसे गुजरा है,
जाये भी और कहा जाए,
हम तेरी पन्हा में आ बैठे,
तक़दीर लिखे से….
कान्हा है कृष्ण कन्हैया तू गिरधर गोविन्द हमारा है,
मन मनमोहन माधव छलियाँ तू कण कण में वास तुम्हारा है,
लेहरी दिल क्या है चीज प्रभु खुद को हम तुम पे लुटा बैठे,
तक़दीर लिखे से….
Who fought by writing fate, we have come to your shelter,
You are called meek merciful.
By writing fate…..
Adopt me or you reject me, there is no other place for me,
Shyam is alone in this crowd, I hope you trust me,
The tears don’t stop flowing
You don’t have shyam making you cry.
By writing the fate….
Have you seen that you are the only support for any donor who is defeated by you,
Thousands of fortunes have passed through you,
Go and be told,
We have come to your side,
By writing the fate….
Kanha is Krishna Kanhaiya you Girdhar Govind is ours,
Man Manmohan Madhav deceives you, you reside in every particle,
What is a lehri heart, Lord, we have spent ourselves on you
By writing the fate….