सपनो मैं तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू है,
सांसो एम् तू धरकन में तू रग रग में तू है समाया,
कान्हा मेरे कान्हा आजा अब तो आजा,
फेरता हु नजरे जिधर तू ही तू आये नजर,
छोड़ तुझको सँवारे बोलो मैं जाऊ किधर,
फूलो में कलियों में चारो तरफ तेरी माया,
सपनो मैं तू अपनों में तू
चाहे धरती हो आस्मां सबमे तेरा ही वास है,
हारे का सहारा है तू मेरा ये विश्वाश है,
तू ही मेरा मैं हु तेरा सब में है तेरी ही छाया,
सपनो में तू अपनों में तू ……
श्याम कहे जब गाउ मैं बांसुरी बजाता है तू,
प्यारी प्यारी धुन पे तेरी सबको नचाता है तू,
देखा मैंने सारा जहां इस दिल को बस तू ही बाया,
सपनो मैं तू अपनों में तू
Dreams, I see you in your loved ones, where you are you,
You are in your veins, you are in your breath,
Kanha, my Kanha has come, now aaja,
I turn my eyes wherever you are, I see you,
Leave you and tell me where should I go,
Your love is everywhere in the buds of flowers,
You are my own in my dreams
Whether the earth or the sky is your abode in all,
You are the support of the loser, you are my faith,
You are mine, I am yours, your shadow is in everything
In dreams you are in your loved ones……
Shyam says when you play the flute in the cow,
You make everyone dance on your lovely tunes,
I saw all the places where only you left this heart,
You are my own in my dreams