शिरडी वही आते है जिहने बाबा भुलाते है,
इरादे लाख बनते है बन कर टूट जाते है,
शिरडी वही आते है….
दूर से देखा तो पत्थर दिखता है,
हर जन शिरडी में सत्संग सिखता है,
साई मई मस्जिद में घंटा बजता है,
होता अजान यहाँ मंदिर वो सजता है,
साई सुख का सागर है साई सुख का सागर है,
भक्त याहा नहाते है,
शिरडी वही आते है
साई की समादि की सीधी जो चढ़ता है,
हर सुख पाकर वो जीवन में बढ़ता है,
बाबा की बभूति से रोग सब मिट ता है,
साई भगतो के घर दुःख नहीं टिकता है,
साई बाबा पानी से दीपक जलाते है,
शिरडी वही आते है
Only those who forget Baba come to Shirdi.
Intentions are made a million, they are made and broken,
He comes to Shirdi.
If you look from afar, you can see a stone,
Everyone teaches satsang in Shirdi,
The bell rings in Sai May Masjid,
Ajan would happen here, he decorates the temple,
Sai is the ocean of happiness Sai is the ocean of happiness,
Devotees are taking a bath
Shirdi is the same
The one who ascends straight to the samadi of Sai,
He grows in life by getting every happiness,
All diseases are eradicated by Baba’s grace.
Sorrow does not last in the house of Sai Bhagto,
Sai Baba lights the lamp with water,
Shirdi is the same