चलो रे भक्तों तुम दादी के द्वार दादी ने दर पे बुलाया है,
जय भवानी भवानी जय भवानी जय अंबे…।
करुणा बरसती जहां सुबहो शाम दादी ने दर पर बुलाया है,
जय दादी की दादी की जय दादी की जय अंबे…॥
दादी के दर पर जो भी गया दादी ने कर दी उसपे दया,
खुशियों का संसार उसको मिला हर रोज मिलता है जीवन नया ।
मां के चरणों में झुकता संसार…दादी ने घर पर बुलाया है ।।
दादी के मंदिर में जो जाएगा जो कुछ भी मांगे मिल जाएगा,
मैया मेरी है झुंझुनू वाली भक्तों के संकट हरने वाली ।
भरती झोलियां जहां आठों याम…दादी ने घर पर बुलाया है ॥
माया की नगरी को छोड़ प्यारे रिश्ता तू दादी से जोड़ प्यारे,
दादी का गुणगान जो गाएगा ‘‘गिरधर’’ कृपया उनकी पाएगा ।
ब्रह्मा विष्णु भी करते प्रणाम…दादी ने घर पर बुलाया है ॥
रचना एवं स्वर:
गिरधर महाराज,भाटापारा छत्तीसगढ़
Chalo re devotees, you have been called at the door of your grandmother by your grandmother.
Jai Bhavani Bhavani Jai Bhavani Jai Ambe….
Compassion showers where grandmother has called in the morning in the evening,
Jai Dadi ki Dadi ki Jai Dadi ki Jai Ambe…॥
Whatever Grandmother’s rate went to, Grandma did her kindness,
He got the world of happiness, every day he gets a new life.
The world bowing at the feet of mother…Grandma has called at home.
Whoever goes to the grandmother’s temple will get whatever they ask for,
My mother is the one who removes the troubles of the devotees of Jhunjhunu.
Bharti Jholis where the eight Yam…Grandma has called at home.
Leaving the city of Maya, you have a lovely relationship with your grandmother.
The one who sings the praises of grandmother “Girdhar” will please her.
Brahma Vishnu also salutes…Grandma has called at home.
Composition & Vocals:
Girdhar Maharaj, Bhatapara Chhattisgarh