नौकर रख ले साँवरे, हमको भी एक बार
बस इतनी तन्वखा देना, मेरा सुखी रहे परिवार ।
तेरे काबिल नही हूं बाबा फिर भी काम चला लेना,
जैसा भी हूँ तेरा ही हूँ, गुण अवगुण बिसरा देना,
जो तेरी कृपा होगी, मेरा सुधरेगा संसार,
नौकर रखले साँवरे हमको भी एक बार….
सेठों के तुम सेठ साँवरे, मेरी क्या औकात है,
तेरी सेवा मिल जाये, यह तो किस्मत की बात है,
मानूँगा तेरा कहना, करता हूँ ये इकरार,
नौकर रख ले साँवरे हमको भी एक बार….
थोड़ी सी माया देकर के, हमको न बहलाओ जी,
आज खड़े हैं, सामने तेरे कोई हुक्म सुनाओ जी,
रोमी की इस अर्जी पर प्रभु न करना इन्कार,
नौकर रखले साँवरे हमको भी एक बार….
भजन – नौकर रख ले साँवरे हमको भी एक बार
स्वर – पूज्य श्री अशोक कृष्ण ठाकुर जी
Keep servants, we too once
Just give so much salary, my family is happy.
I am not capable of you, Baba, still get the work done,
Whatever I am, I am yours;
Who will be your grace, my world will improve,
The servants keep us once in a while….
You are the seth of the Seths, what is my status,
If you get your service, it is a matter of luck,
I will obey your words, I do this agreement,
Keep a servant, let us too once….
By giving a little illusion, don’t seduce us sir,
Standing today, listen to any order in front of you, sir.
The Lord refuses not to listen to this request of the Romans,
The servants keep us once in a while….
Bhajan – Keep your servant in the evening, let us too once
Vocal – Pujya Shri Ashok Krishna Thakur ji