एक पत्थर था मैं आपने मुझको पारस की तरह किया,
हर घड़ी जोड़ कर हाथ में गुरुदेव करो शुकरीयाँ,
एक पत्थर था मैं आपने…
झूठ और सत्ये का मुझको ज्ञान दियां,
चरणों में रख मुझको तूने मान दिया,
ज्ञान की रोशनी मुझे दी आपने,
ज़िन्दगी के अंधेरो को को दूर किया,
आप के रूप में लगता है जैसा इश्वर मुझे मिल गया,
हर घड़ी जोड़ कर हाथ में गुरुदेव करो शुकरीयाँ,
एक पत्थर था मैं आपने…
आप के चरणों में मिल गई है जगह,
अब जमाने से कुछ भी नही वास्ता,
रास्तो की खबर तक नही थी मुझे,
आप की किरपा से मंजिले पा गया,
गुरु देव दया आप की दिया जीने का जो होंसला,
हर घड़ी जोड़ कर हाथ में गुरुदेव करो शुकरीयाँ,
एक पत्थर था मैं आपने…
पीछे पीछे चलो ले चलो तुम यहाँ,
आप के बिन मेरा अब बाजूद कहा,
दीपक परशाई है गुरु वर आप की आप के चरणों में अब मेरा आशिया,
शर्मा कटपुतली है आप की जैसे चाहे लो इसको नचा,
हर घड़ी जोड़ कर हाथ में गुरुदेव करो शुकरीयाँ,
एक पत्थर था मैं आपने…
I was a stone, you treated me like a Paras,
By adding every clock, do gurudev in your hand, Shukri.
I was a stone…
Gave me the knowledge of lies and truth,
You accepted me by keeping me at your feet,
You gave me the light of knowledge,
Removed the darkness of life,
Feels as you as God I found,
By adding every clock, do gurudev in your hand, Shukri.
I was a stone…
A place has been found at your feet,
Nothing matters from now on,
I was not even aware of the way,
Got floor by your grace,
Gurudev mercy gave you the courage to live,
By adding every clock, do gurudev in your hand, Shukri.
I was a stone…
walk back take you here,
Without you my existence is now said,
Deepak Parashai is the guru and now my home is at your feet.
Sharma is a puppet, dance it however you want,
By adding every clock, do gurudev in your hand, Shukri.
I was a stone…