राज पाठ और ठाट बाट के पीछे याद तड़पती है,
राज पाठ के ठाट बाठ में गाइया याद आती है,
छूप छूप रोते है कन्हियाँ जब मइया याद आती है,
दास दासियाँ हाथ बांध कर खड़े हए है सामने,
लेकिन वो आनंद कहा जो था अंचल की छाव में,
मीठी लोरी वो मइया की रोज सुलाने आती है,
छूप छूप रोते है कान्हा…..
ग्वाल सखा और खेल तमाशे चोरी खाना वो माखन,
मोह न छूटे उन गलियों से जिन में बीता है बचपन,
बलदाऊ की वो गल बहियाँ आँखे नम कर जाती है,
छूप छूप रोते है कान्हा
वो राधा के नैनो से बहती प्रेम की अविरल वो धरा,
श्याम हमेशा रीनी रहे गा हे राधा रानी तुम्हारा,
बरसाने की गोपुर रूविया अंतर् मन छुप जाती है
छूप छूप रोते है कान्हा
वृद्धावन से बिछड़े कन्हियाँ रंक हुए महाराज वही,
सब कुछ है पर कुछ भी नहीं है,
अपने जो है साथ वही,
वीटी लम्हो की वो छया दिल को बहुत सताती है,
छूप छूप रोते है कान्हा
The remembrance agonizes behind the recitation of the royal text and the platitudes,
Remembering the song sung in the recitation of the Raj text,
Girls cry silently when Maya misses,
The slaves are standing in front with their hands tied,
But said the joy that was in the shadow of the region,
Sweet lullaby she comes to sleep every day of Maya,
Kanha cries silently…..
Gwal sakha and sports spectacle, stealing that butter,
Do not be fascinated by the streets in which childhood is spent,
Those cheeks of Baldau make the eyes moist,
Kanha cries silently
That endless stream of love flowing from Radha’s nano,
Shyam will always be your queen, O Radha Rani.
Gopur Ruvia of Barsana hides the inner mind
Kanha cries silently
The same Maharaj, who got separated from old age
everything but nothing,
with whoever you are,
That shadow of VT Lamho hurts the heart a lot,
Kanha cries silently