जेल के खुल गये द्वार, जन्म लियो कान्हा ने,
सो गये पहरेदार, जन्म लियो कान्हा ने,
देवकी और वसुदेव के मन में, फूल खिले और मुरझाये,
ले जाओ इसे नंदगांव में, कंस कहीं न आ जाये,
करे देवकी देखो गुहार, जन्म लियो कान्हा ने,
वासुदेव ले कर कान्हा को, जेल से जब बाहर आये,
बिजलियाँ कड़क रही थीं नभ पे, काले थे बादल छाये,
हुआ गहरा था देखो अंधकार, जन्म लियो कान्हा ने,
वासुदेव धर टोकरी सर पे, उतर गये यमुना जल में,
मचल उठीं यमुना की लहरें, लगीं उछलने पल पल में,
देखो देखो रहीं पाँव पखार, जन्म लियो कान्हा ने,
उमड़ उमड़ घनघोर घटायें, लगीं बरसने मुस्का कर,
शेषनाग ने ढाँप लिया तब, कान्हा को फन फैला कर,
रहे कान्हा की छवि को निहार, जन्म लियो कान्हा ने,
नंदगांव में ढोल बजे और, गूंज रही शहनाईयां हैं,
नन्द बाबा और तशोदा माँ को, देवें सभी बधाईयां हैं,
देखो हो रहे मंगलाचार, जन्म लियो कान्हा ने,
नंदगाँव में पहुँच यशोदा, की कन्या को ले आये,
छोड़ दिया कान्हा को वहीं और, वापिस कारागार आये,
करने भक्तों का बेड पार, जन्म लियो कान्हा ने,
The gates of the prison opened, Leo Kanha was born,
Sleeping guards, born Leo Kanha,
In the minds of Devaki and Vasudeva, flowers bloom and wither,
Take it to Nandgaon, Kansa may not come anywhere,
See Devaki’s request, born Leo Kanha,
Kanha took Vasudev when he came out of jail.
Lightning was thumping on the nave, the clouds were dark,
Look, the darkness was deep, Leo Kanha was born,
Vasudev dhar basket on his head, went down in Yamuna water,
The waves of Yamuna rose, started jumping in a moment,
Look, the feet are burning, Leo Kanha was born,
There was a heavy downpour, it started raining with a smile,
Then Sheshnag covered Kanha by spreading his hood,
Behold the image of Kanha, born Leo Kanha,
There are drums in Nandgaon and the shehnais resonating,
To Nand Baba and Tshoda Maa, God is all congratulation,
See the invocations happening, Leo Kanha was born,
Yashoda reached Nandgaon, brought her daughter,
Left Kanha there and then, came back to jail,
To do the of the devotees across the bed, born Leo Kanha,