मेरे लाल लाड़ली को झूला झुल्ला रहे है

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मेरे लाल लाड़ली को झूला झुल्ला रहे है.
और गर्दन घुमा घुमा के नज़रे मिला रहे है

इस रूप के ववर में मद मस्त है बिहारी,
प्रिया यु की हर अदा पे कुर्बान जा रहे है,
गर्दन घुमा घुमा के …

सावन की इस छटा में बिंदु की बरसे लड़ियाँ,
कही बीगहे न श्यामा प्यारी,
तो कामार ओडा रहे है,
गर्दन घुमा घुमा के नज़रे मिला रहे है

शीतल हवा में चुनरी श्यामा जू ही उड़ रही है,
चुरनी के छोर में वो मुखड़ा छुपा रहे है,
गर्दन घुमा घुमा के नज़रे मिला रहे है

इस संवारे सजन को राधे ने संग बिठाया,
राजीव क्या नजारा के सब लोग पा रहे है,
गर्दन घुमा घुमा के नज़रे मिला रहे है

My red ladli is swinging.
And the eyes are shaking with the twisting of the neck

Bihari is very happy in this form.
Priya is going to sacrifice every act of Yu,
By twisting the neck…

In this shade of Sawan, the battles of Bindu rained,
Somewhere neither shyama dear,
So Kamar is doing Oda,
Neck twisting eyes are meeting

Chunari Shyama Ju is flying in the cool wind,
He is hiding the face in the end of the churni,
Neck twisting eyes are meeting

Radhe made this beautiful son sit with him,
Rajiv what view everyone is getting,
Neck twisting eyes are meeting

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