ग्यारस की ग्यारस हर बार जाता हु मैं श्याम के द्वार,
पर मुझको घर बैठे ही ऐसा लगता है कई बार ,
खाटू गए बगैर मुझे श्याम मिल गया,
मिल जाता है मुझे अगर अँधा लंगड़ा रस्ते पर,
उसे सहरा देकर मैं पौंचता जब उसे घर,
लगता है इक निशान मेरा आज चढ़ गया,
खाटू गए बगैर मुझे श्याम मिल गया,
बालक भूखा दिख जाए मुझसे राहा नहीं जाये,
उसको रोटी देकर ही चैन मेरे दिल को आये,
लगता है श्याम को की मेरा भोग लग गया,
खाटू गए बगैर मुझे श्याम मिल गया,
चीचड़ो में दिखी एक बहन छिपा रही हाथो से तन,
चीर उड़ाया उसको तो आंखे होगी उसकी नम,
ऐसा लगा मुझे की मेरा श्याम सज गया,
खाटू गए बगैर मुझे श्याम मिल गया,
श्याम की सेवा को जानो,
सार्थक तभी है ये मानो,
दीना नाथ के दीनो की मदत करो तुम दीवानो,
सोनू लगे गा ये के तुम्हे श्याम मिल गया,
खाटू गए बगैर मुझे श्याम मिल गया,
स्वरसंजय मित्तल
Gyaras Ki Gyaras Every time I go to Shyam’s door,
But I feel like sitting at home many times,
I found Shyam without going to Khatu,
If I find me on a lame blind road,
Supporting him, I pull him up when home,
It seems that I have reached a mark today,
I found Shyam without going to Khatu,
If the child is seen hungry, do not go away from me,
By giving him bread, peace came to my heart,
It seems that Shyam has got my enjoyment,
I found Shyam without going to Khatu,
A sister seen in rags is hiding her body with her hands,
His eyes would be moist,
It seemed to me that my shyam was decorated,
I found Shyam without going to Khatu,
Know Shyam’s service,
It is worthwhile only if it is believed,
Help the people of Dina Nath, you lovers
Sonu lage ga ye that you have found Shyam,
I found Shyam without going to Khatu,
swarsanjay mittal