श्याम बुलाए यमुना पार

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श्याम बुलाए यमुना पार राधे कब से निहारु तेरी राह रे,
श्याम बुलाए यमुना पार …

श्याम कहे यमुना तट पर मीठी मीठी बाते करेंगे,
प्रेम की गंगा में अमृत की धरा जैसे हम तो बहेगे,
बहती ही जाये प्रेम धार राधे कब से निहारु तेरी राह रे,
श्याम बुलाए यमुना पार….

हम दोनों का प्रेम है ऐसा के जैसे चंदा चकोर का,
हम दोनों का मेल है ऐसा जैसे नदियां छोर का,
बंधन हमारा है अपार राधे कबसे निहारु तेरी राह रे,
श्याम बुलाए यमुना पार …

मधुवनकी बड्गइयाँ में फूलो के रंगो संग हम तो रंगे गे,
हम दोनों के रंग में गोपी ग्वाले सब को रंगे गे,
लहराए मस्ती की बहार,
राधे कब से निहारु तेरी राह रे,
श्याम बुलाए यमुना पार

राधा कहे कान्हा आने को आप पर शर्म मुझे आये,
ना औ तो तेरे बिना मुझको कुछ भी ना भाये,
आना ही होगा यमुना पार,
कान्हा मैं आ रही हु तेरे पास रे,
श्याम बुलाए यमुना पार

When Shyam called Radhe across the Yamuna, Niharu Teri Raah Re,
Shyam called across the Yamuna…

Shyam will say sweet talk on the banks of Yamuna,
Like the stream of nectar in the Ganges of love, we will flow,
Let love keep flowing, Radhe, since when will you be niharu?
Shyam called across the Yamuna….

The love of both of us is like that of Chanda Chakor,
The union of both of us is like the end of rivers,
Our bond is immense Radhe Kabse Niharu Teri Raah Re,
Shyam called across the Yamuna…

We will paint with the colors of flowers in Madhuvanaki Badgaiyan,
Gopi cowherds will paint everyone in the colors of both of us,
wave of fun,
Radhe kab se niharu teri raah re,
Shyam called across the Yamuna

I should be ashamed of you for coming to Kanha, says Radha.
No, I can’t like anything without you
Will have to come across the Yamuna,
Kanha I am coming to you,
Shyam called across the Yamuna

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