सिर पे रुमाला रेहमत वाला,
चड़ा फकीरी रंग इक संत शिर्डी में आये जिनका निराला ढंग,
बाबा मस्त मलंग साईं मस्त मलंग,
मोह माया सब भूल गये उस मालिक की मस्ती में,
सबकी भलाई करते ढोले ये शिर्डी की बस्ती में.
छोटे बड़े का भेद न रखे ये तो सबके संग,
साईं मस्त मलंग साईं मस्त मलंग,
नीम के निचे बेठा खोया रहता रब की यादो में,
दुनिया तो आराम करे ये करे इबातत रातो में,
देख के हस्ती साईं जी की दुनिया हो गई धंग,
साईं मस्त मलंग साईं मस्त मलंग,
द्वारका माई में रहते साईं लगा विशोना धरती पे,
बना ईट का सरहना अभिमान न अपनी हस्ती पे,
सच्चा फकीरी का ये रंग है दुनिया है बेढंग,
साईं मस्त मलंग साईं मस्त मलंग,
साईं जैसा महासंत हुआ नही है भारत में,
जो भी इनके दर पे जाए होता भला हर हालत में,
साईं नाम का तू भी करले हमसर के सतसंग,
साईं मस्त मलंग साईं मस्त मलंग,
The one with a handkerchief on his head,
Chada Fakiri Rang, a saint who came to Shirdi, whose unique way,
Baba Mast Malang Sai Mast Malang,
In the fun of that master, everyone has forgotten the illusion of love,
Doing good to everyone, he was in the basti of Shirdi.
Do not keep the distinction of big and small, it is with everyone,
Sai Mast Malang Sai Mast Malang,
Sitting under the neem, I was lost in the memories of the Lord.
Let the world rest, do this prayer in the nights,
Seeing the world of Sai ji became a mess,
Sai Mast Malang Sai Mast Malang,
While living in Dwarka Mai, Sai felt Vishona on the earth,
Don’t be proud of your own personality,
This is the color of true mystic, the world is clumsy,
Sai Mast Malang Sai Mast Malang,
There has not been a great saint like Sai in India.
Whoever would have gone at their rate, well in any case,
You also did the satsang of humsar with the name of Sai.
Sai Mast Malang Sai Mast Malang,