काहे वन में खड़े मोहन जी यूँ बंसी बजाते हो
के राधा को बुलाते हो या गोपियों को रिझाते हो
में पूंछूं श्याम सुन्दर से तुम्हारे नाम हैं कितने,
कभी रामा कभी श्यामा कभी कृष्णा बताते हो,
काहे वन में खड़े मोहन जी…
में पूंछूं श्याम सुन्दर से तुम्हारे भक्त है कितने
कभी राधा कभी मीरा कभी रुक्मण बताते हो
काहे वन में खड़े मोहन जी…
में पूंछूं श्याम सुन्दर से तुम्हारे भोग है कितने
कभी माखन कभी मिश्री कभी मेवा बताते हो
काहे वन में खड़े मोहन जी…
Why do you play the flute like this Mohan ji is standing in the forest?
Do you call Radha or woo the gopis?
I ask Shyam Sunder how many names are there for you,
Sometimes Rama sometimes Shyama sometimes Krishna tells,
Why is Mohan ji standing in the forest?
I ask Shyam Sundar how many are your devotees
Sometimes Radha sometimes Meera sometimes tells Rukman
Why is Mohan ji standing in the forest?
I ask Shyam Sundar how much is your enjoyment
Sometimes butter, sometimes sugar, sometimes dry fruits
Why is Mohan ji standing in the forest?