अरी मैया कन्हैया की शिकायत क्या करूँ

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अरी मैया कन्हैया की शिकायत क्या करू,
नटखट की गगरिया फोड़ दी मेरी,
ये आकर पास चुपके से तेरे कान्हा तेरे छलिया ने मटकिया फोड़ दी मेरी

अंधेरी रात में आकर मेरा माखन चुराता है,
मैं लड़ती हूं अकड़ता है मुझे आंखें दिखाता है
चुनरिया खींचकर मेरी के मारा हाथ घूंघट पट पे नथुनिया तोड़ दी मेरी
अरी मैया कन्हैया की शिकायत……..

फंसाकर मुझको बातों में मुझे घर में बुलाती है
अगर इनकार करू मैया उलाहना लेकर आती है
शिकायत लेकर आती है
यह झूठी है जमाने की
मिली थी कल मुझे पनघट पे मुरलिया तोड़ दी मेरी
अरी मैया कन्हैया की शिकायत…….

ये झगा गोपोयाना का निराला है अनोखा है,
बिहारी जी से मिलने का सुनेहरा ये ही मौका है,
मैं बलहारी पे वारि कन्हियाँ को बिठा कर पल में,
गगरियाँ फोड़ दी मेरी,
अरी मैया कन्हैया की शिकायत…….

What should I complain about Ari Maiya Kanhaiya?
The naughty ki gagaria broke my,
By coming here secretly, your Kanha, your deceit broke my pot.

Comes in the dark night and steals my butter,
I fight, my eyes show me
By pulling Chunaria, Mary’s hand broke the nostril on the veil.
Ari Maiya Kanhaiya’s complaint………

By trapping me, she calls me in the house
If I refuse, Maya brings disgrace
brings a complaint
It’s a lie
I got it yesterday, I broke my murliya on the panghat
Ari Maiya Kanhaiya’s complaint…….

This fight is unique of Gopoyana, it is unique.
This is the golden opportunity to meet Bihari ji.
In a moment, I sit on Balhari’s daughter Kanhiyan,
broke mine,
Ari Maiya Kanhaiya’s complaint…….

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