तेरी शान तेरे जलाल को मैंने जब से दिल में बसा लिया

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तेरी शान तेरे जलाल को
मैंने जब से दिल में बसा लिया।
मैंने सब चिराग बुझा दिए,
तेरा इक चिराग जला लिया॥

तेरी आस ही मेरी आस ही,
तेरी धुल मेरा लिबास है।
अब मुझे तू अपना बना भी ले,
मैंने तुझको अपना बना लिया॥

मुझे धुप छाव का गम नहीं,
तेरे कांटे फूलों से कम नहीं।
मुझे जान से भी अज़ीज़ है,
जिस चमन से तेरा दीया लिया॥

तेरी रहमतें बेहिसाब हैं,
किस जुबान से करूँ शुक्रिया।
कभी मुझ से कोई खता हुई
तूने फिर से मुझ को उठा लिया॥

मेरी हार तेरी ही हार है,
मेरी जीत तेरी ही जीत है।
मैंने सौंपा तुझको वो सभी,
तूने जो मुझ को दिया॥

मेरे साथ है साया श्याम का,
बस यह तस्सल्ली की बात है।
मैं तेरी नज़र से नहीं गिरा,
मुझे हर नज़र ने गिरा दिया॥

Your glory to your Jalal
Ever since I settled in my heart.
I extinguished all the lamps,
You have lit one lamp.
Your hope is my hope
Your dust is my dress.
Now make me yours too
I made you mine
I don’t mind the sun,
Your thorns are no less than flowers.
I love more than life
The light with which you took your lamp.
Your mercy is incalculable,
With what tongue can I say thank you?
never had any issues with me
you lifted me up again
My defeat is yours only
My victory is your victory.
I entrusted all those to you,
What you gave to me
With me is the shadow of Shyam,
It’s just a matter of comfort.
I have not fallen from your sight,
Every look made me fall

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