शृंगार गज़ब तेरा माँ किसने सजाया है,
कही लग न जाए किसी की नजर,
ताजे फूलो से आंगन महक रहा,
तेरा चंदा सा मुखड़ा दमक रहा,
मन मोहक शृंगार तेरा और जन्नत सा दरबार तेरा,
कही लग न जाए किसी की नजर,
ऐसी मेहँदी की लाली ना देखि कही,
ऐसी चुनरी ना आई नजर में कही,
जो तुम से जुड़ जाता है अनुपम ही हो जाता है,
कही लग न जाए किसी की नजर,…..
तेरे मुखड़े से नजरें हटती नहीं,
तेरे दर्शन से आंखे थक ती नहीं,
काल कहे तुम सा सूंदर माँ कोई नहीं है धरती पर,
कही लग न जाए किसी की नजर,
Who has decorated your mother’s makeup?
Let no one look anywhere,
The courtyard smelled of fresh flowers,
Your face was shining like a donation,
Your beautiful make-up and your court like heaven,
Let no one look anywhere,
Do not see the redness of such mehndi anywhere,
I didn’t see such a chunari anywhere.
Whoever joins you becomes unique.
No one can be seen anywhere,…..
I can’t take my eyes off your face,
Eyes do not get tired of your sight,
Kaal says there is no mother like you beautiful on earth,
Let no one look anywhere,