मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो
सूरत तुम्हारी देखकर सलोनी सांवरी
सुनकर तुम्हारी बांसुरी मैं हो गयी बांवली
माखन चुराने वाले दिल चुराया ना करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो
माथे मुकुट गल माल कटी में काछनी सोहे
कानो में कुण्डल झूम के मन मेरे को मोहे
इस चन्द्रमा के रूप से लुभाया न करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो
अपनी यशोदा मात की सौगंध है तुमको
यमुना नदी की तीर पर तुम न मिलो हमको
इस बांसुरी की तान पे बिलखाया ना करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो
ऐसी तुम्हारी बांसुरी ने मोहनी डारी
चन्द्रसखी की विनती तुम सुनलो बनवारी
दर्शन देने में सांवरे अब देर ना करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया न करो
जादूभरी बांसुरी बजाया ना करो
Mohan don’t you come to our Madhuban
don’t play the magic flute
Surat seeing you Saloni Sawari
Listening to your flute, I became deaf
Don’t steal the heart that steals butter
don’t play the magic flute
Kachni sleeps in forehead crown gal malt
My ears captivate my mind with the swing of the coil
Don’t be tempted by this moon look
don’t play the magic flute
You have the gift of your Yashoda Mata
Don’t you meet us on the arrow of river Yamuna
Don’t cry on the tone of this flute
don’t play the magic flute
Your flute like this
You listen to Chandrasakhi’s request, Banwari
Don’t be late in giving darshan now
don’t play the magic flute
Mohan don’t you come to our Madhuban
don’t play the magic flute