दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया,
जन्म जन्म की दुरी को इक पल में मिटा लिया,
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया,
दर्शन की आस थी मुझे मिलनी की प्यास थी,
भटके हुए रही को रास्ता दिखा दिया,
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया,
मैं तो नहीं था काबिल तेरे दर पर आ सकू गुरु जी,
रेहमत का दरया आप ने कैसा बहा दिया,
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया,
मेरी विनती सुनी गुरूजी बड़ी मेहरबानी की,
सूखे से जीवन में सावन सा ला दिया,
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया,
Forgot at the rate made me my own,
The distance of birth was erased in a moment,
Forgot at the rate made me my own,
I was looking forward to seeing, I was thirsty to meet,
Showed the way to the lost ones,
Forgot at the rate made me my own,
I was not capable enough to come at your rate Guruji,
How did you shed the mercy of Rehmat,
Forgot at the rate made me my own,
Listened to my request, Guruji very kindly,
Drought brought life like a savannah,
Forgot at the rate made me my own,