साई का संदेसा कितना नेक सबका प्रिया मालिक एक,
साई सदा शिव साई गणेश,सबका भैया मालिक एक,
जिसके संग है साई नाथ वो नहीं होता कभी अनाथ,
देश में रहो चाहे रहो विदेश,सबका भैया मालिक एक,
जिस के सिर साई का हाथ बिगड़ी बन जाए सब बात,
रहे ना बाकी कोई कलेश सबका भैया मालिक एक,
जो जपता है साई नाम मिल जाए घर में बैठे राम,
पाओ गए साई का मधुर सन्देश,
सबका भैया मालिक एक,
Sai’s message is so noble, everyone’s beloved owner is one,
Sai Sada Shiv Sai Ganesh, Everyone’s brother is the owner,
With whom Sai Nath is, he is never an orphan,
Whether stay in the country, stay abroad, everyone’s brother is the master one,
Whose head gets damaged by Sai’s hand,
May there be no rest, everyone’s brother and owner is one,
The one who chants the name of Sai, may Ram sitting at home,
Received the sweet message of Sai,
Everyone’s brother is the master one,