मेरी श्याम सूंदर से मिली जब नजर वृद्धावन में जो देखा मजा आ गया,
श्याम के संग में राधा भी मौजूद थी दोनो का मुश्कुराना गजब गहा गया,
मेरी श्याम सूंदर से मिली जब नजर …..
फूलो में सज रहा था मेरा संवारा,
जिस ने देखा मोहन को हुआ वनवरा,
शर्मा ने लगी चाँद की चांदनी,
वृद्धावन में मेरा संवारा शाह गया ,
मेरी श्याम सूंदर से मिली जब नजर वृद्धावन में जो देखा मजा आ गया,
आरती में खड़ा था मैं होक मगन,
मन मोहन में लागि थी मेरी लगन,
नजरो से नजर जब मिली श्याम से,
मेरी नजरो को वो संवारा भा गया,
मेरी श्याम सूंदर से मिली जब नजर वृद्धावन में जो देखा मजा आ गया,
हर गली में था चर्चा मेरे शाम का,
ले रहे थे मजा नाम के जाम का,
ऐसी मस्ती चढ़ी श्याम के नाम की,
मीतू ने पिके देखा मजा आ गया,
मेरी श्याम सूंदर से मिली जब नजर वृद्धावन में जो देखा मजा आ गया,
When I met Shyam Sundar, I enjoyed seeing what I saw in the old age,
Radha was also present in the company of Shyam, the smile of both of them was amazing.
When I met Shyam Sunder
I was adorned in flowers,
The one who saw Mohan’s Vanavara,
Sharma caught the moonlight of the moon,
In old age my grooming went to Shah,
When I met Shyam Sundar, I enjoyed seeing what I saw in the old age,
I was standing in the aarti, I was ecstatic,
My passion was in Man Mohan,
When I met Shyam with eyes,
I liked that look in my eyes,
When I met Shyam Sundar, I enjoyed seeing what I saw in the old age,
There was discussion in every street of my evening,
Were enjoying the name of jam,
Shyam’s name became such fun,
Meetu looked at it and enjoyed it,
When I met Shyam Sundar, I enjoyed seeing what I saw in the old age,