अरे अंजनी के ललना उठा ला लरकार के ,
झा झार के आवा लंका के उजार के जा झार के,
अरे माता के सगरो पता लगवा बिना पता पवले वापिस न आवा,
गली गली लंका के रखता खंगाल के,आवा लंका के उजार के जा झार के,
हे जनक दुलारी के धीरज दरावा,
राम के खबरिया माता के सुनावा,
रखिया मुनर का बबुआ संब्याल के,
आवा लंका के उजार के जा झार के,
दूर दा रावण के सगरो को मनवा,
जावा छतिया पे चढ़ के हर ला परनवा,
रख दियो सब के हुलिया बिगाड़ के,
आवा लंका के उजार के जा झार के,
Are Anjani ke lalana utha la larkar ke ,
Jha Jhar Ke Aawa Lanka Ke Ujar Ke Ja Jhar Ke,
Are mata ke sagar pata lagwa bina pata paale wapis na ava,
Gali gali Lanka ke rakhta khangal ke,awa Lanka ke ujar ke ja jhar ke,
O Janak Dulari ke dhiraj darava,
Ram ke khabriya mata ke sunawa,
Rakhiya Munar Ka Babua Sambyal Ke,
Aava Lanka ke ujar ke ja jhar ke,
Door da Ravana ke sagaro ko manwa,
Java Chhatia Pe Chad Ke Har La Parnwa,
Rakh diyo sab ke hulia bigad ke,
Aava Lanka ke ujar ke ja jhar ke,