माता के मंदिर को सोने का बनाना है
सेवा मे करो करो अर्पण जो कुछ भी चढ़ना है
माता के मंदिर का ईस शहर जलंधर का॥
चर्चा हो ज़माने मे इसे ऐसा सजाना है
नही कोई जबरदस्ती करो दान यथा शक्ति ॥
थोडा है थोडा दो केसा शर्ममाना है
जो पास हमारे है उस माँ का दिया तो है॥
उसे अर्पण करने मे केसा गबराना है
गुलशन जी कहते है दर्शन जी बताते है ॥
ये दान शान्त तेरा कभी व्यर्थ ना जाना है,
माता के मंदिर को सोने का बनाना है
सेवा मे करो करो अर्पण जो कुछ भी चढ़ना है
Mata’s temple has to be made of gold
Do in service, offer whatever you want to climb
This city of mother’s temple is of Jalandhar.
In the time of discussion, it has to be decorated like this.
Don’t force anyone, donate as much as you can.
What a shame
Whatever we have is given by that mother.
How dare it be to offer it
Gulshan ji says Darshan ji explains.
This donation should never go in vain for you.
Mata’s temple has to be made of gold
Do in service, offer whatever you want to climb