आया महा कुंभ मेला आया महा कुंभ मेला,
साधू और सनयाईयो का यहाँ लगता रेला,
आया महा कुंभ मेला आया महा कुंभ मेला,
माँ गंगा की पवन धारा में सब डुबकी लगाते है,
नर नारी हो या नारायण महा कुंभ सब आते है,
गंगा यमुना सरस्वती का होता या खेला,
आया महा कुंभ मेला आया महा कुंभ मेला,
रथ सजा कर संत लोग यहाँ माँ से मिलने आते है,
अड़भंगी साधु यहाँ पे बैठके धुनि रमाते है,
नागा बाबा सा मैंने देखा न कोई अलबेला,
आया महा कुंभ मेला आया महा कुंभ मेला,
सोने से नगरी ये सजी यहाँ तीनो लोक गुण गान करे,
धूल जाते है पाप सभी जो सनगम में आशनां करे,
गगनदीप गुण गाता जो है महादेव का चेला,
आया महा कुंभ मेला आया महा कुंभ मेला,
Aya Maha Kumbh Mela Aya Maha Kumbh Mela,
The train of sages and saints takes place here,
Aya Maha Kumbh Mela Aya Maha Kumbh Mela,
Everyone takes a dip in the wind stream of Mother Ganga,
Whether male or female or Narayan Maha Kumbh everyone comes,
Ganga Yamuna Saraswati would have played or played,
Aya Maha Kumbh Mela Aya Maha Kumbh Mela,
Saints come here to meet the mother after decorating the chariot.
Stubborn sadhus sit here and sing their melody,
I have not seen any albela like Naga Baba,
Aya Maha Kumbh Mela Aya Maha Kumbh Mela,
This city adorned with gold should sing the virtues of all three folk here,
All those who pray in the confluence of sins are washed away.
Gagandeep who is a disciple of Mahadev sings the praises,
Aya Maha Kumbh Mela Aya Maha Kumbh Mela,