आजा मेरे कन्हैया

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आजा मेरे कन्हैया बिन माझी के सहारे,
डुभे गी मेरी नैया आजा मेरे कन्हैया,
बीच भवर में नैया बन जाओ श्याम खवइयाँ,
आजा मेरे कन्हैया……

बैठे है आप ऐसे सुनता नहीं हो जैसे,
नैया हमारी मोहन उतरेगी पार कैसे,
तुझे क्या पता नहीं है मझधार में पड़ी है ,
आजा मेरे कन्हैया…..

मेहनत से हमने अपनी नैया ठीक बनाई,
लेकिन भवर में मोहन कोशिश न काम आई,
हारे है हम तो जब भी तूफानों से लड़े है,
आजा मेरे कन्हैया…….

पतवार खेते खेते आखिर मैं थक गया हु,
श्याद तू आता होगा कुछ देर रुक गया हु,
वनवारी बेबसी में चुप चाप हम खड़े है,
आजा मेरे कन्हैया……..

Aaja with the help of my Kanhaiya bin Majhi,
Dubhe gi meri naiya aaja mere kanhaiya,
Be a Naya in the middle of the house, Shyam Khavaiyan,
Aaja my kanhaiya……

Sitting you don’t listen like,
Naiya, how will our Mohan descend,
What you do not know is lying in the middle,
Come on my Kanhaiya…..

With hard work we made our boat right,
But Mohan’s effort did not work in Bhavar,
We have lost whenever we have fought with storms,
Aaja my kanhaiya…….

I am tired after all,
Maybe you must have come, I have stayed for a while,
We are standing silently in the helplessness of the forest,
Aaja my kanhaiya………

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