राम सीता और लखन वन जा रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
राम सीता और लखन वन जा रहे ,
मुर्ख कैकई ने किया है ये सितम,
दुःख दिल में जो की सब जन पा रहे,
॥ हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
रह सकेंगे प्राण तन में क्या मेरे,
ध्यान में ना ये नतीजे ला रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
क्या विचारा था मेने क्या हो रहा,
फूल आशाओ के खिल मुरझा रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
गा रहे थे जो ख़ुशी के गीत कल,
आज वे दुःख के विरह यूँ गा रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
भाग्य में क्या ये विधाता लिख दिया,
पहुंच के मंजिल पे ठोकर खा रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
रोक ले कोई उन्हें समझाय कर,
ज्ञान प्रभु दिल में यही है मना रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे
राम सीता और लखन वन जा रहे,
हाय अयोध्या में अँधेरे छा रहे,
राम सीता और लखन वन जा रहे
Ram Sita and Lakhan are going to the forest,
Hi Ayodhya it is dark,
Ram Sita and Lakhan are going to the forest,
Foolish Kaikeyi has done this situation,
In the heart of sorrow that all the people are getting,
, Hi Ayodhya it is dark,
Will my life be able to stay in my body,
Not bringing these results into consideration,
Hi Ayodhya it is dark,
I wondered what was happening
Flowers are blooming with hope,
Hi Ayodhya it is dark,
The songs of happiness that were sung yesterday,
Today they are singing in the face of sorrow,
Hi Ayodhya it is dark,
In fate, did this creator write?
Stumbling on the floor of the reach,
Hi Ayodhya it is dark,
Stop someone by explaining them,
Lord of knowledge is celebrating this in the heart,
Hi Ayodhya it is dark
Ram Sita and Lakhan are going to the forest,
Hi Ayodhya it is dark,
Ram Sita and Lakhan going to the forest