मोरछड़ी की महिमा देखो सब से न्यारी रे,
दुःख चिंता संकट काटे भक्त का भारी रे,
युगो युगो से श्याम धनि के संग में ये तो रहती है,
श्याम धनि की किरपा तो इस के जरहिये ही बहती है,
मुर्दे में भी प्राण फुक्दे ये बड़ी बलकारी रे,
दुःख चिंता संकट काटे भक्त का भारी रे,
श्याम बहादुर के हिट मंदिर पट इस ने खोल दिये,
बड़े बड़े तालो को इसने झट माटी में रोल दिये,
गूंजे फिर जैकारे नाम के आये श्याम बिहारी रे,
दुःख चिंता संकट काटे भक्त का भारी रे,
आलू सिंह जी के खाता में यह लहराई थी बहुत घनी,
लाखो भक्तो के विपदा में थी जिनके भी आशीष धरी,
चमत्कार में नमस्कार है जाने दुनिया सारी रे,
दुःख चिंता संकट काटे भक्त का भारी रे,
श्याम धनी को प्यारी भगता हिट कारी मोर छड़ी,
विपला की विनती है माहरे सागे रहियो सदा खड़ी,
वरणी ना जावे महिमा थी जाऊ बलिहारी रे,
दुःख चिंता संकट काटे भक्त का भारी रे,
Look at the glory of the peacock, the fairest ray of all,
The heavy ray of the devotee cut off sorrow, worry, trouble,
She lives in the company of Shyam Dhani since ages.
The mirpa of Shyam Dhani flows only through this,
Even in the dead, this very powerful Ray blew his life,
The heavy ray of the devotee cut off sorrow, worry, trouble,
Shyam Bahadur’s hit temple doors opened,
He quickly gave rolls to the big locks in the soil,
Shyam Bihari Ray came to the name of Jakare again,
The heavy ray of the devotee cut off sorrow, worry, trouble,
It was very dense in the account of Aloo Singh ji.
Was in the calamity of lakhs of devotees whose blessings remained,
Greetings in miracles, know the whole world,
The heavy ray of the devotee cut off sorrow, worry, trouble,
Shyam Dhani gets hit by a cute bhagata kari peacock stick,
Vipala’s request is that Mahre Sage, always stand,
Varani na jave glory thi jau balihari re,
The heavy ray of the devotee cut off sorrow, worry, trouble,