स्वासों को खोना ना अनमोल ख़जाना है,
हर स्वास में राम जपो अगर राम को पाना है,
कई जन्मो के अच्छे कर्मो से मिला नर तन,
विषयो के भोगो में बेकार न कर जीवन,
पल पल जो बीत गया नहीं लौट के आना है,
स्वासों को खोना ना अनमोल ख़जाना है
बन दुखियो का साथी बन जायेगा वो तेरा,
तेरे जन्म मरण का भी काटे गा वही फेरा,
मंजिल को पायेगा तुझको यहाँ जाना है,
स्वासों को खोना ना अनमोल ख़जाना है
सुनता सदा उसकी जो दिल से पुकारेगा,
रेहमत की नजरो से इक दिन वो निहारे गा,
भटकी हुई नैया को पार उसी में लगाना है,
स्वासों को खोना ना अनमोल ख़जाना है
Losing your breath is not a priceless treasure,
Chant Ram in every breath, if Ram is to be attained,
The male body got by the good deeds of many births,
Do not waste your life in the pleasures of subjects,
The moment that has passed does not have to come back,
Losing your breath is not a priceless treasure
Be the companion of the sad, he will become yours,
The same pheras sang the bites of your birth and death,
You will find the destination, you have to go here,
Losing your breath is not a priceless treasure
He who always listens to him who calls from his heart,
With the eyes of Rehmat, one day he would behold,
The lost boat has to be crossed in it,
Losing your breath is not a priceless treasure