मायें नी मेरी वार क्यों लाइयाँ ने देरियाँ,
आजा करनियाँ ने होर मैं गल्लां बथेरियाँ,
मुँह फेर बैठे संगी साथी जिहना ते मान सी,
जिहना दे उतो वार दित्ती अपनी मैं जान सी,
करदे ने साडे बाद ओह, अज्ज हेरा फेरियां,
आजा करनियाँ……
इन्ना दित्ता द्वार तों आसां क्यों रोलियाँ
किन्नेयां नू मायें देनीये भर भर के झोलियां,
मेरे पल्ले काहनूं पाइयाँ ने,ज़ालिम हनेरियाँ,
आजा करनियाँ……..
मुँह मोड़ बैठी काहदे तों तक्क के कंगाल नू,
इक वार वी न पुछेया माँ सद्द के तू लाल नू,
डिग्गेया द्वारे तेरे ते,होइयाँ ने देरियाँ,
आजा करनियाँ……..
पंडित देव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानियां, सिरसा
Mayen Ni Meri War Kyon Laiyan Ne Deriyan,
Aaja karniya ne hor main gallan batheriya,
Muh fer baithe sangi sathi jihna te maan si,
Jihna De Uto War Ditti Apni Main Jaan Si,
They do after us, today manipulate,
Aaja Karniya.
Why did we cry from the door given so much?
Kinneyan nu mayen deniye bhar bhar ke jholiyaan,
Mere Palle Kahnu Paiyan Ne, Zalim Haneriyan,
Aaja Karniya.
Muh mod baithi kahde ton takk ke kangaal nu,
Ik war vi na pucheya maa sadd ke tu lal nu,
Diggeya Dware Tere Te, Hoiyan Ne Deriyan,
Aaja Karniya.
Pandit Dev Sharma
Sri Durga Sankirtan Mandal
Queens, Sirsa