कभी शिव बन के वो हम को भोले के दर्शन है कराये,
कभी बन के गुरु वो हम को गुरुबाणी और शब्द सिखाये,
कभी बन के फ़कीर वो हम को अल्ल्हा की बाते बताये,
होली खेलन आये जैसे कृष्ण कन्हियाँ,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
तू ही मेरी चाहत है और तू ही मेरा प्यार है,
तेरी ही रेहमत से साई मेरा बेडा पार है,
मेरी इस कश्ती का साई तू ही खवाइयाँ,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
मन के मंदिर में तो साई तेरी ही बस मूरत है,
तू अल्लाह का नेक फरिश्ता और भगवान की सूरत है,
कोई पिता कहता है तुझको कोई कहे मियां,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
जिसको दुनिया ने ठुकराया तूने दिया सहारा है,
नैया जिसकी डूभ रही थी तूने दिया किनारा है,
प्यार सभी से करता है शिरडी का सइयां,
मेरा साई है रंग रसिया मेरा साई है मन वसिया,
Sometimes by becoming Shiva, he should have given us the vision of the innocent,
Sometimes by becoming a guru, he should teach us Gurbani and words,
Sometimes he became a fakir and told us the things of Allah.
Come to play Holi like Krishna Kanhiya,
My Sai is Rang Rasiya My Sai is Man Vasiya,
You are my love and you are my love
Sai my fleet is beyond your rehmat,
You are the Sai of this boat of mine,
My Sai is Rang Rasiya My Sai is Man Vasiya,
In the temple of the mind, Sai is your only idol.
You are the righteous angel of Allah and the face of God,
Some father says to you, some say Mian,
My Sai is Rang Rasiya My Sai is Man Vasiya,
You have given support to whom the world has rejected,
Whose boat was sinking, you have given the edge,
Shirdi’s Saiyan loves everyone,
My Sai is Rang Rasiya My Sai is Man Vasiya,