या देही तुझा संग, कैसा जोडू मी ते सांग विठ्ठला
दिस रात तुही आस, परि संसाराचा पाश ,
कैसा तोडू मी ते सांग विठ्ठला
बीज स्वप्नांचे अंकुर , पोसले ते जीवापाड
स्वप्न होईल साकार , त्याचे फोफावले झाड
कैसे पाडू मी ते सांग विठ्ठला
माय बापाची हो माया, अन प्रीतिचा भडीमार
सगे सोयर्यांची साथ , जाहले उपकार
कैसे फेडू मी ते सांग विठ्ठला
मुखी नाम निरंतर, तुझे रूप अंतरात ,
परि तुझ्या प्रपंचात , गुंतले माझे हात
कैसे जोडू मी ते सांग विठ्ठला
गीत-संगीत : अरुण सराफ
अल्बम : हृदयी रहा रे दयाघना
……………………….हिंदी अनुवाद : ………………………
इस देह में होते हुए तेरा संग में कैसे धरु ? तू ही बता विट्ठल !
दिन रात मुझे तेरी आस है ,
पर इस संसार का पाश मैं कैसे तोडू ? तू ही बता विट्ठल !
मैंने सपनों के बीज बोया, उसके अंकुर को जी-जान से पाला
अब सपना साकार होते दिख रहा है ,
उस अंकुर का अब फैला हुआ वृक्ष हुआ है
उसे मैं कैसे तोडू ? तू ही बता विट्ठल !
माता पिता ममता, मेरे परिवार का असीम प्रेम
और मेरे अपनों ने जो साथ दिया है ,
उसका बड़ा उपकार है
इन सब ॠणोंसे मैं कैसे मुक्त होंऊ ? तू ही बता विट्ठल !
मेरे होठों पे तेरा नाम निरंतर है, तेरा रूप मेरे अंतर में है
पर तूने ही दिए हुए काम में मेरा हाथ व्यस्त है,
तो इन हाथोंको ,मैं कैसे जोडू? तू ही बता विट्ठल !
This body is with you, tell me how to connect it, Vithla
Day and night you are the hope, but the noose of the world,
How can I break it, Vitthal?
Seeds sprout dreams , nurtured and lived
Dreams will come true , his blossoming tree
Tell me how to find it, Vithla
This is the love of my father and mother, and the overflow of love
With all the guests , thank you
How can I repay it, O Lord?
Mukhi Naam Nirntar, Tujhe Roop Antraat,
But in your world, my hands are involved
Tell me how to connect it, Vithla
Lyrics: Arun Saraf
Album: Hridayi Raha Re Dayaghana
……………………….Hindi Translation : ……..
How can I hold you in my company while I am in this body? You tell me, Vitthal!
Din raat mujhe teri aas hai,
But how can I break the noose of this world? You tell me, Vitthal!
I sowed the seeds of dreams, nurtured their sprouts with all my heart
Now the dream is coming true,
That seedling is now a spreading tree
How can I break it? You tell me, Vitthal!
Parents love, boundless love of my family
And my loved ones who have supported me,
That is a great favor
How can I be free from all these debts? You tell me, Vitthal!
Your name is constantly on my lips, your form is in my heart
But my hand is busy with the work you gave me,
So how do I connect these hands? You tell me, Vitthal!